हाकिम को घूस दे के
अपना बना लो, यही
काम करवाने का है ढंग मेरे देश में
धनी लोगों, वासना के
लोलुपों को रात दिन
बेचती गरीबी अंग-अंग मेरे देश में
क्षेत्र सम्प्रदायों के
असीम हैं, अनन्त हैं व
बन्दगी के दायरे हैं तंग मेरे देश में
ढूंढना जो चाहो ढूंढ़ो,
आदमी मिले न मिले,
लाखों मिल जाएंगे भुजंग मेरे देश में
हास्यकवि अलबेला खत्री - सूरत |
जय हिन्द !
लाखों मिल जाएंगे भुजंग मेरे देश में
ReplyDeleteभुजंग ही भुजंग हैं
सुन्दर रचना