इक मुख यदि है
गुलाब जैसा महका तो
सैकड़ों के चेहरे उदास मेरे देश में
एक के शरीर पे
रेमण्ड का सफ़ारी है तो
पांच सौ पे उधड़ा लिबास मेरे देश में
काम सारे हो रहे हैं
कुर्सी की टांगों नीचे
काग़ज़ों में हो रहे विकास मेरे देश में
दूध है जो महंगा तो
पीयो ख़ूब सस्ता है
आदमी के ख़ून का गिलास मेरे देश में
hasyakavi albela khatri -surat |
जय हिन्द !
bahot Khooob
ReplyDeleteBahot khoob...
ReplyDeletekya baat khi h sir
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