Tuesday, January 24, 2012

लीडरों के फूले- फले गाल मेरे देश में.........




पूछते हैं आप तो

बताऊंगा ज़रूर बन्धु

आज़ादी के बाद जो है हाल मेरे देश में



वोटरों के पेट पीछे

पिचके चले हैं और

लीडरों के फूले- फले गाल मेरे देश में



नीला नीला गगन भी

लगता सियाह आज

धरा हुई शोणित से लाल मेरे देश में



गद्दारों की भीड़ बढती

ही चली जा रही है

खुद्दारों का पड़ा है अकाल मेरे देश में



मराठी सुपरहिट फ़िल्म "येऊ का घरात ?"  के हिन्दी संस्करण " चिट्ठी आई है"  के गीतों की रिकॉर्डिंग  के अवसर पर निर्माता -निर्देशक व अभिनेता  दादा कोंडके  और गीतकार  अलबेला खत्री

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना!
    --
    गणतन्त्र दिवस की पूर्व वेला पर हार्दिक शुभकामनाएंँ!

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  2. अरे वाह - वाह खत्री साहब, क्या बात कही आपने................अच्छा निशाना लगाया लीडरों के गाल पर !!!!

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  3. अरे वाह - वाह खत्री साहब, क्या बात कही आपने................अच्छा निशाना लगाया लीडरों के गाल पर !!!!

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  4. आज का सच यही है सार्थक रचना ....

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अलबेला खत्री आपका अभिनन्दन करता है