( सूरत में घटी एक शर्मनाक घटना पर करुण काव्य )
पत्तियाँ गुलाब की
कुछ यूँ झर रही हैं
मानो
कमसिन किशोरियां
अपनी लाज बचाने के लिए
आत्मघात कर रही हैं
-अलबेला खत्री
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गुजरात हिन्दी समाज अहमदाबाद के मंत्री राजकुमार भक्कड़ से सम्मान स्वीकारते हुए अलबेला खत्री |
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अलबेला खत्री आपका अभिनन्दन करता है