Tuesday, January 24, 2012

वो सब मिला बिन मांगे, जो मुझे मांगना भी नहीं आता था



जिनसे

यह देह मिली

देह
को दुलार मिला

शक्ति मिली,

संवर्धन और विस्तार मिला


जीवन मिला

जीवन के पौधे को

नैतिकता का संचार मिला

श्रमशील

और

स्वाभिमानी रहने का संस्कार मिला


प्यार मिला

दुलार मिला

घर मिला

परिवार मिला

समाज मिला .........संसार मिला


वो सब मिला बिन मांगे,

जो मुझे मांगना भी नहीं आता था

मुझे तब चलना सिखाया

....जब रेंगना भी नहीं आता था


मैं नहीं भूला कुछ भी

न आपको

न आपकी सौगात को

न उस काली रात को

जब आप चिरनिद्रा में सो गए

जिस का रात-दिन स्मरण करते थे

उसी परमपिता के हो गये


छोड़ गये

तोड़ गये

सब बन्धन घर-परिवार के

देह के और दैहीय संसार के


काश! आज आप होते

तो मैं इतना तन्हा न होता ..............


सच है

पूर्ण सच है ....

इसमें कोई भी दो राय नहीं है

पिता का कोई पर्याय नहीं है

पिता का कोई पर्याय नहीं है


मैं नहीं जानता

पुनर्जन्म होगा या नहीं

हुआ भी तो

मानवदेह मिलेगा या नहीं


परन्तु

प्रार्थना नित यही करता हूँ

एक बार नहीं,

बार बार ऐसा हो, हर बार ऐसा हो

मैं रहूँ पुत्र और

आप ! हाँ .....आप ही मेरे पिता हो


आप ही आराध्य मेरे

आप ही हैं देवता

कृतज्ञता !

कृतज्ञता !

कृतज्ञता !


-अलबेला खत्री


हास्यकवि अलबेला खत्री  के कारगिल शहीदों को समर्पित ऑडियो एल्बम "तेरी जय हो वीर जवान" के आई.एन.एस. हमला में सम्पन्न  लोकार्पण समारोह में बाएं से दायें अभिनेत्री सुजाता मेहता, नेवी अधिकारी  कोमोडोर एफ. दुभाष, श्रीमती दुभाष,  विमोचनकर्ता  मुख्य अतिथि  श्रीमती वर्मा और कर्नल सुरेन्द्र  वर्मा (  शहीद कैप्टन  अमित वर्मा के माता पिता ), गीतकार-निर्माता अलबेला खत्री व  अभिनेत्री गुड्डी मारूति
जय हिन्द !

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अलबेला खत्री आपका अभिनन्दन करता है