Sunday, January 22, 2012

बचा खुचा तो बच जाये, मालिक से दुआ करो - घाव ये अब नासूर बन गया, इसकी दवा करो



 
हाल देश का मेरी नज़र से देखो तो दिखलाऊं 

फ़ुर्सत हो तो मैं भारत के समाचार  बतलाऊं


 संत हों या चंट,  दोनों  की है पौ बारा 

सीधा सादा आदमी, यहाँ मारा मारा 

 बच्चन और बोल-बच्चन का है जग दीवाना 

चकाचौंध  का  अन्धियाया  है आज  ज़माना  



मेहनत करके खाने वाले  टेक्स में डूबे  

कामचोर व धनलोलुप सेंसेक्स में  डूबे 

सुन्दर मुखड़े ब्लीच में डूबे, वेक्स में डूबे 

सौन्दर्य प्रेमी,  घर से बाहर सेक्स में डूबे 

लिखा के लाये 

डूब के मरना लकफ़ाइल में 

डूब रहे  सब  

अपनी अपनी इस्टाइल में 


परिवारों को  कलह ने मारा, फूट ने मारा  

सम्बन्धों को कडुवाहट  और टूट ने मारा 

मज़दूरों को  साहूकारों की  लूट ने मारा 

रामराज्य को लोकतन्त्र  के रूट ने मारा  


बचा खुचा तो बच जाये, मालिक से दुआ करो  

घाव ये अब नासूर बन गया, इसकी दवा करो  

-अलबेला खत्री 


हास्यकवि अलबेला खत्री  का नया सृजन - ऑडियो सी डी  "हे हनुमान बचालो"


जय हिन्द !

No comments:

Post a Comment

अलबेला खत्री आपका अभिनन्दन करता है