Tuesday, March 13, 2012

सपने में देखा मैंने सपनों का हिन्दुस्तान .........





 
आज मुझे सपने में आया सपना एक महान
सपने में देखा मैंने सपनों का हिन्दुस्तान 

 
मैंने देखा पुलिसकर्मियों में विनम्र स्वभाव
मैंने देखा सस्ते होगये फल-सब्ज़ी के भाव

मैंने देखा रेलों में कोई धक्कम-पेल नहीं है

मैंने देखा किसी शहर में कोई जेल नहीं है

भ्रष्टाचारी लोग कर चुके ख़ुद ही आत्म-समर्पण

स्विस बैंकों से ला-ला कर धन किया देश को अर्पण

सोने के सिक्के चलते और चलें चांदी के नोट

युवकों ने चड्डी उतार कर, पहन लिए लंगोट

व्यसन और फ़ैशन से दूरी रखना मान लिया है

काला बाज़ारी नहीं करेंगे, सबने ठान लिया है

नहीं मिलावट मिली कहीं पर, शुद्ध है सब सामान
 

सपने में देखा मैंने सपनों का हिन्दुस्तान


सिर्फ़ एक टी वी चैनल और सिर्फ़ एक अखबार

क्रिकेट मैच भी हो पाता है साल में बस इक बार

क्षण-क्षण का उपयोग हो रहा मानवता के हित में

अय्याशी और अनाचार अब नहीं किसी के चित में

काव्य-मंचों पर मौलिक कविताओं का युग आया है

साहित्य और संस्कृति का परचम घर-घर फहराया है

मल्लिकाओं ने साड़ी पहनने का ऐलान किया है

अमिताभ बच्चन ने ख़ुद को बूढ़ा मान लिया है

पेप्सी-कोक की जगह दूध के विज्ञापन दिखते हैं

सलीम-जावेद फिर से जोड़ी बन, फ़िल्में लिखते हैं

अब रोज़ाना लड़ते नहीं हैं शाहरुख और सलमान 

 सपने में देखा मैंने सपनों का हिन्दुस्तान 
 

भ्रूणहत्याएं बन्द हो गईं, दहेज़ प्रथा भी बन्द

शोषण से हुई मुक्त नारियां, करती हैं आनन्द

आतंकवादी रक्तदान को लाइन में खड़े हुए हैं

चोरों ने चोरी छोड़ी, घर खुल्ले पड़े हुए हैं

मदिरा-गुटखा कम्पनियों पर लटक रहे हैं ताले

नदियाँ तो नदियाँ, शहरों में साफ़ हो गये नाले

चौबीस घंटे चालू रहता फैक्ट्रियों में काम

रंगदारी और लूटपाट का होगया काम तमाम

दुनिया भर ने फिर से माना भारत को उस्ताद

चारों तरफ़ ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ, नहीं कहीं अवसाद

घुटनों के बल खड़ा हमारे आगे पाकिस्तान 

 सपने में देखा मैंने सपनों का हिन्दुस्तान 
 
__अलबेला खत्री

हास्यकवि व गीतकार अलबेला खत्री प्रख्यात फिल्म अभिनेता -निर्माता  स्व. दादा कोंडके  के साथ  मराठी फिल्म येऊ का घरात ? के हिंदी संस्करण  'चिट्ठी आई है'  की डबिंग के अवसर पर  एम्पायर स्टूडियो मुंबई में ....

जय हिन्द !

3 comments:

  1. काश आपका यह सपना सच हो जाये :) अंतिम पंक्तियाँ बहुत ही प्रभावशाली है ....आभार

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  2. badhiya kavita hai ....
    http://jadibutishop.blogspot.com

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अलबेला खत्री आपका अभिनन्दन करता है